मणिकर्ण की यात्रा कैसे करें
मणिकर्ण हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के भुंतर के साथ लगती पार्बती घाटी में बहने बाली ब्यास और पार्बती नदियों के माध्य् में स्थित है.यह धर्मिक स्थान हिन्दुओं और सिखों का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है.जहां साल भर लाखों श्रद्धालू आते है.यह स्थान समुद्रतल से 1760 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुल्लू से पश्चिम की और 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है. इसलिए यह विदेसी पर्यटकों के आकर्षण का भी मुख्य केन्द्र है.
चार्म रोग जोड़ों के दर्द का ईलाज
मणिकर्ण मुख्यतः अपने गर्म पानी के चश्मों के लिए बिसबिख्यात है. यहां के गर्म पानी के चश्मों में प्रकृतिक रूप से गंधक पाई जाती है जिस से कुछ दिन स्न्नान करने पर शरीर से सभी तरह के चर्म रोग गठिया,जोड़ों के दर्द आदि मिट जाते है.देश दुनियां भर से लाखों श्रद्धालु यहां गर्म पानी के चश्मों में डुबकी लगाने हर साल आते है.
मणिकर्ण का मुख्य आकर्षण
मणिकर्ण का मुख्य आकर्षण यहाँ के उबलते पानी के चश्में हैं, जहाँ पर आप श्रद्धालुओं को कपड़े की पोटली में चबल या चने उबलते हुए देख सकते है,जिसे बह प्रसाद के रूप में घरों को ले जाते हैं. यहाँ का पानी अन्य जगहों के पानी की तुलना में अधिक मीठा है.सर्दियों में जब तापमान पहाड़ो पर 0 डिग्री तक गिर जाता है उस समय भी आप यहां श्रद्धालुओं को गर्म पानी मे नहाते देख सकते है.
गुरद्वारा लंगर प्रसाद
मणिकर्ण गुरुद्वारा में 24 घण्टे लंगर चलता है जिसका का खाना दाल,चबल आदि भी इसी उबलते पानी मे बर्तन के मुँह पर कपड़ा बांध कर उसे उबलते हुए चश्में में डाल दिया जाता है, यह पानी इतना गर्म होता है कि कुछ ही मिनटों में चबल दाल पाक जाते हैं.इस पानी का तापमान हमेसा 94 डिग्री बना रहता है हर मौसम में.
मणिकर्ण का धार्मिक महत्व
मणिकर्ण का धार्मिक महत्ब हिन्दुओ और सिखों के लिए बहुत है हिन्दुओ की मान्यताओं के अनुसार मनु ने की यहां मानव की रचना, जब जब महाप्रलय के बक्त सारी सृष्टि का नाश हो गया था तब मनु ने यही पर मानव की रचना की थी एक दूसरी मान्यता है कि भगबान शिव के साथ माता पार्वती जब यहां से गुजर रही थी तब उनके कान की मणि यही गिर जाने के कारण इस तीर्थ स्थल का नाम मणिकर्ण पड़ा सिखों के लिए भी यह एक पवित्र धार्मिक स्थल है,माना जाता है कि 16बी सदी में गुरुनानक देव जी ने पांच प्यारो के साथ यहां की यात्रा की थी.इसलिए पंजाब से भी यहाँ भारी संख्या में लोग आते है.
मणिकर्ण कैसे आए
यहां का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिन्दरनगर है जो पठानकोट से नैरोगेज लाइन से जुड़ा हुआ है
निकटतम हबाई अड्डा भून्तर में जो दिल्ली चंडीगड़ शिमला और धर्मशाला से जुडा है. बस से आना चाहे तो HRTC की सर्बिस दिल्ली, चंडीगढ़ से उपलब्ध है.
![]() |
By google |
0 टिप्पणियाँ
हैलो दोस्तो मेरे आर्टिकल आपको कैसे लगते है मुझे कमेंट कर के जरूर बताएं। स्पैम कॉमेंट ना करें धन्यवाद।