हिमाचल प्रदेश में अब निजी स्कूल फीस को लेकर अपनी मनमानी नही कर सकेंगे। हर साल निजी स्कूल री एड्मिसन के नाम से अभिभावकों मोटी रकम ऐंठते है जिस पर शिक्षा निदेशालय ने कड़ा संज्ञान लेते हुए निर्देश जारी किए हैं।
फीस बढ़ाने के लिए अभिभावकों की सहमति
स्कूल प्रबंध्न को अभिभावकों के साथ मीटिंग करनी होगी जिसमें फीस व्रद्धि का प्रस्ताव रखना होगा,बह उनकी सहमति लेनी होगी कोई भी निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से फीस तय नहीं करेगा। जो भी फीस तय होगी बह प्रोस्पेक्टस या स्कूल के दस्तावेजों में दिखानी होगी, इसके अलावा
स्कूल कॉपियां किताबें या स्कूल ड्रेस बेचने जैसी गतिविधियों में सलिप्त पाया जाता है तो स्कूल की मान्यता समाप्त करने पर विचार किया जा सकता है। इस बारे में शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी उप निदेशको को निर्देश जारी किए हैं। निदेशक स्कूलों का स्वयं निरीक्षण करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी निजी स्कूल निर्देशों की अनदेखी ना करें।
निजी स्कूल एक बार ही ले सकते है एड्मिसन फीस और बिल्डिंग फंड इसके अलाबा कोई फंड स्कूल नही ले सकेंगे।
हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड के पास रजिस्टर निजी स्कूलों की सख्या करीब हाई और सीनियर सेकेंडरी को मिला कर 1225 है इसके अलावा प्रारंभिक शिक्षा विभाग में पांचवीं और आठवीं कक्षा तक के स्कूलों पर भी यह नियम लागू होंगे जिससे अभिभावकों को राहत मिलेगी।
अभिभावकों को अपने अधिकार जानने चाहिए।
जागरूक अभिभावक ही निजी स्कूलों की मनमानी पर सिकंजा कस सकते है। अपने अधिकारों का प्रयोग करें। RTI की गाइडलाईन के अनुसार 25% सीटे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण देना होगा।
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