Atal Tunnel, हिमाचल प्रदेश पर्यटन स्थल, Rohtang Tunnel

रोहतांग रूहों का स्थान, जहाँ आज भी रोड़ हादसों में जान गंबाने बाले लोगो की रूहें भटकती है।
जी हां आज हम हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास की बात करेगे, सदियों से रोहतांग दर्रा हजारों ट्रक ड्रिवरों, ओर यहां आने बाले पर्यटकों की रोड़ एक्सीडेंट में जान ले चुका है।लेकिन रोमांच ऐसा की हर कोई इस जन्नत को एक बार जरूर देखना चाहेगा।

रोहतांग टंनल कहां है।

हिमाचल प्रदेश के मनाली की पीरपंजाल पर्बत श्रीखला के रोहतांग दर्रे के नीचे नव निर्मित रोहतांग सुरंग जिसका अव नाम बदल कर अटल टनल रख दिया गया है,बन कर पूरी तरह तैयार है। टन्नल से बहनों की अबजाहि सुरु कर दी गई है अब औपचारिता भर उदघाटन की देरी है जो सितंबर 2020 में हो जाएगा।

कब से चल रहा था काम
रोहतांग टंनल का सपना पूर्ब के सभी नेताओं ने देखा और लोगो को दिखाया भी। लेकिन अटल बिहारी बाजपेई जी ने 2003 में इसकी आधार शिला रखी। जिसका काम 2010 में पूरा कर लिए जाने की तिथि निर्धारित की गई लेकिन बाजपई जी की सरकार दोबारा सत्ता में नही आ सकी जिसके कारण के महतबक्कक्सी प्रोजेक्ट समय पर पूरा नही ही सका। 2014 में एक बार फिर से बाजपेई जी की पार्टी की सरकार सत्ता में लोटी जिसके बाद इस का कार्य युद्ध स्तर पर पूरा कर लिया गया।

अटल टंनल की लागत

रोहतांग टंनल जिसे अब अटल टंनल से जाना जाता है का सुरुअति खर्च 1400 करोड़ आंका गया था। लेकिन प्रोजेक्ट समय पर पूरा नही हो सका साथ मे टंनल बनाती बार आई मुस्किलो के चलते इसका बजट बढ़ कर 4000 करोड़ तक पोहच गया

अटल टंनल की खूबियां

रोहतांग दर्रे के नीचे बानी इस टंनल की कुल लंबाई 8.8 किलोमीटर है, एशिया की सबसे ऊंची रोड़ सुरंग है। एशिया की सबसे ऊंची टंनल के साथ ही ये डबल डेक टनल भी है,जिसके ऊपर से बहन गुजरेंगे, नीचे से पैदल चलने के लिए रास्ता है जिस पर स्थानीय चरवाहे अपनी भेड्ड बकरियां ले कर रोहतांग दर्रे को आराम से पर कर सकेंगे।

अटल टंनल की महत्वत्ता

अटल टंनल देश के उत्तरी हिस्से में स्थित हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर और चीन के बॉर्डर पर होने के कारण सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण साबित होने बाली है। अभी तक जम्मू कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए एक ही रोड था। अटल टनल के बन जाने से जम्मू कश्मीर के लेह लदाख से देश के बाकी हिस्सों से 12 महीने तक जोड़ा जा सकेगा।

हिमाचल प्रदेश को अटल टंनल का महत्ब

अटल टनल के बनने से हिमाचल प्रदेश के पर्यटन से जुड़े उद्योगों को सीदे फायदा मिल रहा है। साथ ही हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जो साल के 6 महीने देश से काटा रहता था हमेसा देश से जुड़ा रहेगा।
कैसे जाए अटल टंनल
रोहतांग पास मनाली से 28 किलोमीटर दूर स्थित है।निकटतम एयरपोर्ट कुलू का भुंतर एयरपोर्ट है। रेल मार्ग से अभी तक नही जुड़ा होने से रोड़ या हवाई मार्ग से रोहतांग तक जाया जा सकता है।
यहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम गर्मियों के ओर सर्दियों का होता है। बरसात के मौसम में लैंड स्लाइड की बजह से रॉड पर खतरा ओर ट्रैफिक जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।

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