देसी वियाग्रा,कीड़ाजड़ी, यार्सागुम्बा कीमत लाखों में

एक ऐसी जड़ीबूटी जो कीड़ा जड़ी या यार्सागुम्बा के नाम से बिसबिख्यात है,यह एक तरह का फफूंद है, माना जाता है कि यह दुनियां की सबसे मंहगी जड़ीबूटी है। जिसको विदेशी बाजार में करोड़ो की कीमत में वेचा जाता है। कुछ अनुभवी लोग इस जड़ीबूटी से हर साल लाखों रुपये कमाते है। आज हम आपको इस के बारे में विस्तार से बतायेगे।

कहा पाई जाती है
यह हिमालय के दुर्गम पहाड़ो पर लागभग 3500 मीटर की ऊंचाई पर उगती है। इसको पाने के लिए खतरनाक बर्फ से ढकी पहाड़ी ढलानों पर चढ़ना पड़ता है,जहा पर पेड़ उगना बंद हो जाते हैं बही पर ये उगती है। जून में हिमालय की  वर्फ़ पिघलना सुरु होती है उस समय नेपाली लोग सैकड़ो की सख्या में इस जड़ीबूटी की खोज में हिमालय की ओर जाते है। ये अनुभवी लोग इसे बड़ी साबधानी से जमीन से निकाल कर अपने पास सभाल कर रख लेते है। क्योंकि एक यार्सागुम्बा (मशरूम)की कीमत ही हजारो में होती है।

कीड़ा जड़ी पैदा कैसे होती है
जैसा कि हमने बताया यह एक फफूंद होता है, जो Ophiocardispitaceous के वंश का है। यह फफूंद प्यूपा नाम के एक कीड़े पर हमला कर उसके सिर पर उग आता है। जी हाँ आपको कुछ अटपटा लगेगा लेकिन यह सत्य है इसी बजह से इस जड़ीबूटी का नाम कीड़ा जड़ी पड़ा। ये सुरुआत में एक  कीड़ा ही होता है  जो हिमालय ओर तिब्बत के पठारों में भूमि के अंदर बामी (विल) बना कर रहता है। बर्फ पड़ने के दौरान ये दब  जाता है जिस पर ओफियोकार्डिसिपिटैसियस नाम का फफूंद अपने जाल में लपेट कर उसे मार देता है और उस के सर पर पर से उग आता है। इस तरह से ये एक कीड़े से फफूंद और फिर कीड़ा जड़ी के रूप में बदल जाता है


यार्सागुम्बा या कीड़ा जड़ी को कैसे पहचानें
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यह देखने मे समान्यतः एक कीड़े के जैसा ही प्रतीत होता है। पहाड़ी पर ये हरे रंग में दिख सकता है। सूखने के बाद यह भूरे रंग में बदल जाता है इसको खाने से पहले छिल लिया जाता है या पाउडर बना लिया जाता है। इसे रोज एक सबस्थ व्यक्ति 0.३ से 0.७ ग्राम दूध या गर्म पानी के साथ सेवन कर सकता है।

यार्सागुम्बा,कीड़ा जड़ी में पाए जाने बाले गुण।
यार्सागुम्बा में प्रोटीन, पेपटाइड्स, अमीनो एसिड, विटामिन B-1, B-2 और B-12 आदि शरीर को ताकत प्रदान करने बाले पोषक तत्व होते हैं,बहुत से खिलाड़ी इसका सेवन अपने प्रदर्सन को बढ़ाने के लिए करते है। इसकी खासियत है कि यह डोपिंग टेस्ट में नही पकड़ा जाता जिस कारण इसकी खिलाड़ियों में बहुत मांग है। इसके अतिरिक्त इसका इस्तेमाल जीबन रक्षक दवाइयां बनाने किडनी के इलाज फेफड़ों और गुर्दे को मजबूत करने, ऊर्जा और जीवन शक्ति को बढ़ाने, रक्तचाप को रोकने, आदि के लिए इस्तेमस्ल में लाया जाता है। इसे मर्दाना ताकत बढ़ाने की दवाइयों में धड़ल्ले से प्रोयोग में लाया जाता है जिस बजह से इस को देसी वियाग्रा के नाम से भी जाना जाता है।

कहां पाई जाता है यह
यह भारत चीन तिबत और नेपाल के हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में मिलती है ‘यारशागुंबा’ जिसका उपयोग भारत में तो नही लेकिन चीन में खिलाड़ियों को शक्ति बढ़ाने में इसकी क्षमता के कारण खिलाड़ियों ख़ासकर एथलीटों को दी जाती है.
तस्करी के कारण
चीन में इसकी मांग और मुह मांगी कीमत के कारण इस कीड़ाजड़ी की पिथौरागढ़ और धारचूला के इलाक़ों में बड़े पैमाने पर स्थानीय लोग इसका दोहन और तस्करी करते है। जिसके कारण भारत सरकार ने इसको प्रतिबंधित किया हुआ है।

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